मनु का भारत करे पुकार
सीम से असीम की परिभाषा
सांत से अनंत की जिज्ञासा
संशय से साक्षात ईश-दर्शन
तमस हरे ज्योति दिग्दर्शन
मनु का भारत करे पुकार
रे जाग मनुज , या प्रभु ले अवतार।
वृद्धावस्था में यौवन पिपासा
मदिरा बने युवा का भोजन
तनय करे तात पर शासन
तनया करे त्याज्य का वरण
मनु का भारत करे पुकार
रे जाग मनुज , या प्रभु ले अवतार।
कर्महीन करे सौभाग्य की आशा
बुद्धिहीन करे वेद मीमांसा
मलीन करे स्वच्छता पर उद्बोधन
शिष्ट करे मलेच्छ का अनुसरण
मनु का भारत करे पुकार
रे जाग मनुज , या प्रभु ले अवतार।
दुर्जन करे सज्जन पर अनुकंपा
रक्षक माने भक्षक का प्रलोभन,
स्वान करे सिंह पर गर्ज़न
असामाजिक बने समाज में रोशन
मनु का भारत करे पुकार
रे जाग मनुज , या प्रभु ले अवतार।
राज करे निज-धर्म पर बंधन
सेठ करे सेवक का अर्चन
स्नेह बने कपटी का कंगन
जैसे पीतल पर स्वर्ण का रोगन
मनु का भारत करे पुकार
रे जाग मनुज , या प्रभु ले अवतार।
फ़रेबी मित्र, स्वार्थी स्वजन
मौक़ा पाए डाले अंजन
भाई बने भाई का दुश्मन
धनक कराये शील हनन
मनु का भारत करे पुकार
रे जाग मनुज , या प्रभु ले अवतार।
भोगी साधु पाये वंदन
लंबी दाढ़ी ,माथे चंदन
मीठी वाणी खोटे कीर्तन
नाम बड़े पर छोटे दर्शन
मनु का भारत करे पुकार
रे जाग मनुज , या प्रभु ले अवतार।
-हस्तीमल बाँठिया, सूरत